5 मुखी रुद्राक्ष पांच मुखों वाला एक प्राकृतिक धार्मिक मणि है जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे ‘पंचमुखी रुद्राक्ष’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके पांच मुख होते हैं। यह गणेश जी का प्रतीक माना जाता है और इसे सभी शिव भक्तों द्वारा धारण किया जाता है।
- मुख: 5 मुखी रुद्राक्ष में पांच मुख होते हैं, जिन्हें ज्ञान, शक्ति, स्वास्थ्य, ऐश्वर्य और सुख के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। इन मुखों का धारण करने से व्यक्ति को सामर्थ्य, सुरक्षा और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- धारण विधि: रुद्राक्ष माला या धागे के माध्यम से 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। इसे बाहरी वस्त्र या चांदी के पात्र में रखने से प्रभाव बढ़ता है। सामान्यतः इसे गर्भगृह में धारण करने से लाभ होता है।
- प्रभाव: 5 मुखी रुद्राक्ष में शिव जी का आदेश होता है और यह शिवजी के कृपालु स्वरूप को प्रकट करता है। इसका धारण करने से बुराईयों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। यह ध्यान को स्थिर करता है और मन को शांति देता है।
- आरोग्य लाभ: 5 मुखी रुद्राक्ष में आरोग्य सुधारने की शक्ति होती है। इसका धारण करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार होता है और व्यक्ति को आरोग्यशाली जीवन प्राप्त होता है।
- स्वामी शिव की कृपा: 5 मुखी रुद्राक्ष को शिव भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह उन्हें शिव की कृपा का आशीर्वाद देता है। इसे धारण करने से उन्हें उच्चतम स्तर का समाधान, मुक्ति और आनंद का अनुभव होता है।
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